देश में फिल्मों की नींव रखने वाले और भारतीय फिल्मों के पितामह धुंडीराज गोविंद फाल्के उर्फ दादा फाल्के का जन्म 30 अप्रैल, 1870 को हुआ था। 1912 में दादा साहब ने मुंबई के दादर में देश का पहला फिल्म स्टूडियो बनाया था और देश की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ बनाई। वह मूक फिल्म थी और 1913 में उसका थिएटर में प्रदर्शन किया गया। आज तो बॉलीवुड सहित पूरा भारतीय फिल्मोद्योग ही बहुत कुछ बदल गया है और इतना बढ़ गया है कि उसकी कल्पना भी तब कोई नहीं कर ....
Tag: bollywoodnews

पिछले दशक में बॉलीवुड से कई फिल्में निकलकर आईं, जिनमें हीरो नहीं बल्कि हीरोइन का दबदबा देखने को मिला. लेकिन 60-70 के दशक में तमाम लोगों के दिलों की धड़कन नरगिस को भारतीय सिनेमा की पहली ऐसी अदाकारा कहा जा सकता है, जिन्होंने फिल्मों में नारी की मौजूदगी को बहुत ऊंचाइयों पर ला कर खड़ा कर दिया था. नरगिस का जमाना देखने वाले लोगों से अगर आज भी नरगिस के बारे में बात की जाए तो एक अजीब-सी दिलकश मुस्कुराहट ....

1972 में शक्ति सामंत की एक फिल्म आई थी ‘अमर प्रेम’। राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की यह फिल्म सुपर हिट हुई थी। इसकी कहानी मशहूर बांग्ला लेखक बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय की कहानी पर आधारित थी और बांग्ला में ही बन चुकी ‘हिंगेर कोचुरी’ का रीमेक थी। इसे हिट करने में इसके संगीतकार आरडी बर्मन के सुमधुर संगीत का बहुत बड़ा हाथ है। इस फिल्म का एक गाना ‘चिंगारी कोई भड़के….’ उस साल के ब्लाक बस्टर गानों की सूची में पहले ....

उत्तरप्रदेश के पिछड़े शहर मुजफ्फरनगर के बुड़ाना जिले में पैदा हुए नवाजुद्दीन सिद्दीकी 19 मई यानी आज 45 साल के हो चुके हैं। आज की बॉलीवुड इंडस्ट्री में नवाजुद्दीन एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जिसे खान, कपूर के समानांतर ही समझा जाने लगा है। नवाज की लोकप्रियता को देखते हुए खुद सलमान खान और शाहरुख खान ने भी अपनी फिल्में की हैं। आज नवाज 45 साल के हो चुके हैं। ऐसे में आज हम उनकी ऐसी निजी जानकारी बताएंगे, ....

इन दिनों महाराष्ट्र में राजनेता और कलाकार आमने सामने दिखाई देने लगे हैं. बॉलीवुड खेमों में बंट रहा है, तो राजनेता भी उसी कलाकार को पसंद कर रहे हैं, जो उनकी तारीफ में कसीदे पड़ता रहे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा बॉलीवुड स्टार के राजनीतिक किस्सों के बारे में बताएंगे, जिनको सुनकर आप आज की राजनीति को तुछ ना समझें तो कहना. राजनीति का इतिहास रहा है कि बॉलीवुड कलाकार पार्टियों को फायदा पहुंचाते हैं, जीतते भी हैं, भीड़ ....

5000 से अधिक गाने लिखे और कई गाने गाए भी। ऐसा गीतकार जिसके गानों के कारण ही कई फिल्में सुपर हिट हुईं और कई स्टार सुपर स्टार बन गए। कौन भूल सकता है, आनंद बख्शी के वो गाने जो अमर प्रेम, बॉबी, सत्यम शिवम सुदंरम, एक दूजे के लिए, चांदनी, डर, मिलन, शोले, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, जब जब फूल खिले आदि सैकड़ों फिल्मों में दर्शकों को सुनने को मिले हैं। जी हां, आज हम बात कर रहे हैं आनंद ....