समाचार लाइव के पॉजिटिव ख़बरों के सेक्शन में आपका फिर से स्वागत है. भारत में आज से कोरोना वायरस के लिए टीकाकरण अभियान की शुरूआत हो चुकी है. दुनिया इस वक़्त भारत की ओर इस संक्रमण से निपटने के लिए एक आस के रूप में देख रही है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अभियान को हरी झंडी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के दौरान भारत ने 150 देशों को मेडिकल सुविधा मुहैया कराई थी. चीन में भारतीयों ....
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दिन था 17 मार्च 1978। दिल्ली आम दिनों की तरह अपने काम में व्यस्त थी। बस और दो पहिया वाहनों से ज्यादातर लोग आवाजाही कर रहे थे। दुकानें रोजाना की तरह खुली हुई थीं। उसी वक़्त पांच मिनट में ऐसा क्या हुआ कि तुरंत 32 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। पुराने अख़बारों की कटिंग में 700 से 800 लोगों के घायल होने की जानकारी मिलती है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुडी माल रोड पर पेड़ उखड़कर ....

गर्मियां फुल मूड में हैं और आप अपने मूड को कूल करना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे टूरिस्ट हब के बारे में बताएंगे, जहां आप अपना वीकैंड बहुत शानदार कर सकते हैं। वैसे तो यहां आप हफ्ते भर भी रहेंगे, तो भी यहां की शांति, खूबसूरती, एडवेंचर्स जिंदगी आपको वापस जाने नहीं देगी। लेकिन दो दिन का ट्रिप यहां बेहद ढंग से बनाया जा सकता है। आइए, बताते हैं हरिद्वार और ऋषिकेश में क्या है खास, जो ....

तीन रंग में रेल सिमट गई, आप को मैं बतलाता हूँ। भारतीय रेल की सच्ची बातें, अपने सुर में गाता हूँ। नींद न आये इसी लिए, मैं आधी रोटी खाता हूँ। आधी रोटी खाता हूँ, फिर भी रेल चलाता हूँ। ढाई इंच की पटरी पे मैं, सरपट भागा जाता हूँ। गति प्रतिबंध जहाँ भी आये,रेल की गति घटाता हूँ । रेल का जब चक्का रुकता हैं, पहले गाली खाता हूं । भारतीय रेल की सच्ची बातें, अपने सुर में गाता ....

कोई मुझे बताएगा की बचपन कैसे वापस आएगा कब झूलों पर दुबारा झूल पाऊँगी लुका छुपी में दोस्तों को जीत कर दिखाऊँगी जवानी की सिरदर्दी में तो वही वक़्त याद आता है छोटे बच्चों का बचपन मुस्कान चेहरे पर लाता है बचपन में नहीं थी कोई सोशल मीडिया वट्सएप पर स्टैटस कभी अपडेट नहीं किया फ़ेसबुक पर नहीं, पड़ोस में थी मेरी दोस्त बाक़ी मेरी नज़रें नहीं करती थी कोई खोज रिमोट कार से मैं करती थी अपने सपनों का ....

बढ़ते प्रदूषण से सांस की समस्या के साथ- साथ आंखों को भी उतना ही नुकसान होता है। ऐसे में हमें सिर्फ सांस की समस्या से बचने के उपाय ही नहीं ढूंढने चाहिए। आंखें प्राकृति की अनमोल देन है, जिन्हें कुछ सामान्य सी बातों को ध्यान में रखकर हमेशा के लिए स्वस्थ रखा जा सकता है। आज हम आपको दिवाली को ध्यान में रखते हुए यह जानकारी दे रहे हैं, ताकि प्रदूषण के बावजूद आपकी आंखें सुरक्षित रहें। आइए जानते हैं ....

एक वक्त था, जब राजघराने के अलावा उन लोगों को भी तरजीह दी जाती थी, जो किसी न किसी हुनर में दुर्रस्त थे। अकबर के साथ बीरबल की कहानियां मशहूर होना भी ऐसा ही एक उदाहरण है। आज हम आपको दो ऐसे शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें जिंदगी भर जिस प्रकार से सम्मान दिया गया था, उसकी प्रकार से उनकी कब्र को भी दिल्ली की सल्तनत ने तरजीह दी थी। इनके नाम हैं जमाली और कमाली। ....

हाथी बोले बंदर मामा मेरा सिल दो एक पाजामा शादी है मेरी भी कल को जाना है ससुराल लगूँ इक दम बाँका छोरा कुछ तो करो ख़्याल लगे जो लेने नाप मामा का छूट गया पसीना पर हाथी भैया का था उन्हें पाजामा सीना पहन पाजामा, चले अकड़ कर हाथी राजा ससुराल और गले में रंग बिरंगा सुंदर मफ़लर डाल जा पहुँचे ससुराल जैसे ही बैठे कुर्सी पर टूट गई कुर्सी और फटा पाजामा चर चर

दिल्ली में वायू और ध्वनि प्रदूषण से बचने या फिर कहें छिपने की जगह अगर आपको चाहिए, तो एक बार स्वर्ण जयंती पार्क की सैर जरूर करें। जहां दिल्ली में आम लोगों को सांस लेना भी कई बार भारी पड़ता है, वहीं इस पार्क में आपको हर तरह की इन परेशानियों से कुछ पल के लिए छुटकारा जरूर मिलेगा। इसे दिल्ली का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है। वैसे यह पार्क जेपनीज पार्क के नाम से ज्यादा मशहूर है। कैसा ....

रेल चली भई रेल चली अपनी प्यारी रेल चली इंजन सीटी जब देता है लगे, खुशी की ठेल चली || रेल चली भई रेल चली कोई नानी के घर जा रहा किसी को चाचू बुला रहा हो गई है, धक्कम पेल चली || रेल चली भई रेल चली खेतों के बीच पहाड़ों से पेड़ों के बीच कतारों से करवाती सबका मेल चली || रेल चली भई रेल चली ये छुक-छुक करती चलती है मन धुक-धुक, धुक-धुक करता है मस्ती की ....

कई बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम या तो ध्यान नहीं देते या फिर हमें बताई नहीं जातीं। चलिए आपको कुछ ऐसे मजेदार तथ्य बताते हैं, जिनको पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। यह जानकारी दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो से जुड़ी है। हां, यह जरूर है कि यह जानकारी दिल्ली के लिए ज्यादा खास होगी, लेकिन आप भी इस जानकारी से कुछ रोचक बातें हासिल कर सकते हैं। आइए बताते हैं ऐसे कौन सी बातें हैं, जिनको ....

एक तरफ पाकिस्तान(Pakistan) भारत को पूंछ दबाए यहां तक कह रहा है कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं। वहीं, दूसरी ओर, इस देश के हालात इतने बुरे आ चुके हैं कि पाकिस्तान(Pakistan) के प्रधानमंत्री के काफिले की 61 गाड़ियां आज बेचने की कगार पर आ चुकी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि पाकिस्तान(Pakistan) अब दिवालिया हो रहा है। पाकिस्तान(Pakistan) के प्रधानमंत्री आवास के एडमिनिस्ट्रेटर मैजर आसिफ के मुताबिक, पाकिस्तान आवास के 102 में से 51 गाड़ियों को ....

इमेल हो या मोबाइल फोन, आजकल कहीं भी आप जालसाज या धोखेबाजों से सुरक्षित नहीं हैं। पहले धोखेबाजी सड़कों पर की जाती थी, लेकिन तकनीकी ज्ञान न होने के कारण यह लोग आसानी से अब अपना शिकार ऑनलाइन भी बनाने लगे हैं। फ्रॉर्ड कॉल, फ्रॉड मैसेज और फ्रॉड इमेल(Email) आज बड़ा धोखेबाजी का केंद्र बन चुका है। दुनिया भर में करोड़ों रुपये का चुना आए दिन लगाया जाता है। एक ताजा सर्वे में आया है कि इमेल(Email) पर हर 100 ....

70 और 80 के दशक में बॉलीवुड के पर्दे पर काफी तेजी से चमकने वाले विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को अमृतसर में हुआ था। 1958 में उन्होंने बतौर बाल कलाकार फिल्म ‘रागिनी’ से बॉलीवुड का अपना कैरियर शुरू किया था। ‘रागिनी’ का वह रोल बड़े कलाकार के रूप में किशोर कुमार(Kishore Kumar) ने निभाया था। किशोर(Kishore Kumar) तभी से इस बच्चे को पसंद करने लगे थे और चाहते थे कि वह बड़े होकर पर्दे पर ही काम ....