जहां एक तरफ कोरोना के डर से लोगों ने खुद को आइसोलेशन में रखने का फैसला किया है, तो दूसरी तरफ एक रिसर्च कहती है कि आइसोलेशन में रहने यानी अकेलापन आपकी जान ले सकता है. रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों के दोस्त या परिवार के सदस्यों से संपर्क कम होता है उनके मरने की संभावना 50 प्रतिशत बढ़ जाती है. यह भी पाया गया है कि सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने वालों को दिल का दौरा या स्ट्रोक लगने की भी चांस ज्यादा हो जाते हैं.
खुद को अकेला रखने से तनाव भी बढ़ता है. यह प्रभाव महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक पड़ता है. और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुरुष अमूमन बाहर जाते हैं, दोस्तों से मिलते हैं. बाहर ज्यादा समय बिताते हैं, जिस कारण उनसे आइसोलेशन में रहने मुश्किल होता है.
यह रिसर्च 4,139 लोगों पर की गई. यह रिसर्च 13 साल तक हुई, जिसमें पाया गया कि अकेले रहने वाले 530 की मृत्यु हो गई और 339 को घातक या गैर-घातक दिल का दौरा या स्ट्रोक हुआ।