सुखद ज़िन्दगी बिताने के लिए इंसान को रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत होती है, लेकिन आप हमारी इस खबर को पढ़कर हैरान हो जायेंगे कि इंसान इन तीन जरूरतों के लिए जितना सोचता है, उससे कहीं ज्यादा वो सेक्स के बारे में सोचता है. एक आम इंसान 50 मिनट में एक बार सेक्स के बारे में सोचता है. आइये बताते हैं पूरी जानकारी।
एक आम इंसान 50 मिनट में एक बार सेक्स के बारे में सोचता है. यहां तक कि कई बार वो खाने-पीने से ज्यादा सेक्स को ज्यादा तवज्जो देता है. दरअसल, यह जानकारी एक स्टडी के जरिए सामने आई है. यह स्टडी पुरषों पर की गई है. अब ऐसा क्यूं होता है यह भी आपको जानना बेहद जरुरी है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि एक इंसान ब्रेन यानी दिमाग के जरिए सेक्स करता है. दिमाग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं जो सेक्स के लिए उत्तेजित करती हैं. इन कोशिकाओं की वजह से किसी के मन में सेक्स करने का ख्याल आता है, जो बाद में चरमसीमा का सुख लेने के लिए बाध्य करता है.
जैसा की आपको बताया कि यह स्टडी पुरषों पर की गई है. इसीलिए आपको बता दें कि पुरषों के ही दिमाग में मौजूद दो कोशिकाओं की हम चर्चा कर रहे हैं. स्टडी में कहा गया है कि यह कोशिकाएं रेंगने वाले छोटे कीड़ों की तरह होती हैं और जिनका साइज भी बेहद कम होता है. इनमे एक का सेक्स फीमेल और दूसरे का हरमैफ्रोडिएट होता है. हरमैफ्रोडिएट एक मॉडिफाइड फीमेल वर्ज़न है, जिसे रिप्रोडक्शन के लिए सेक्स करने की जरूरत नहीं होती. यह विभाजित होकर नई कोशिकाएं बनाते रहते हैं. इसे सीक्रेट सेल्स भी कहा जाता है.
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