सांप्रदायिक सौहार्द को कोई कानून, कोई नेता या कोई एक इंसान नहीं बना सकता. इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को सबसे पहले समझना जरूरी होगा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है. सभी धर्मों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए सरकार और सामाजिक संस्थाएं समय समय पर तरह तरह के प्रयास करती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जो प्रमुख चार धर्मों के बीच सामंजस्य का अनूठा उदाहरण पेश करती है.
इसके लिए आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. यह जगह राजधानी दिल्ली में ही मौजूद है. हैरानी की बात यह है कि खुद दिल्ली वाले भी ऐसी किसी जगह से बिल्कुल अंजान हैं. चलिए शुरू करते हैं.
कनॉट प्लेस के आउटर सर्कल से निकलती हुई एक सड़क है, जिसका नाम बाबा खड़ग सिंह मार्ग है. वैसे तो यह मार्ग अभी विभिन्न राज्यों के एम्पोरियम के लिए जाना जाता है, लेकिन गौर करने वाली बात एक यह भी है कि इस मार्ग पर चारों बड़े धर्मों के धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव दिखाने के लिए एक उदाहरण बन सकती है.
प्राचीन हनुमान मंदिर सीपी वाले हनुमान मंदिर
बाबा खड़ग सिंह मार्ग के शुरू में यहां आपको प्राचीन हनुमान मंदिर दिखाई देगा. यह मंदिर 13वीं शताब्दी से भी पुराना है. मंदिर के कनॉट प्लेस में होने की वजह से यहां हमेंशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर को सीपी वाले हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. हनुमान मंदिर होने की वजह से मंगलवार और शनिवार के दिन यहां भक्तों की संख्या ज्यादा होती है. हनुमान मंदिर के साथ ही बाबा विश्वेश्वर नाथ शिव मंदिर है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर भी हनुमान मंदिर जितना ही पुराना है.
आगे मिलेगी मस्जिद जामा
मंदिर से सड़क पर चंद कदम और चलेंगे तो आपको सीधे हाथ पर मस्जिद जामा दिखाई देगी. इसके बारे में कहा जाता है कि यह मस्जिद मुगल काल की है. मस्जिद में आमतौर पर भीड़ कम दिखाई देती है, लेकिन जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए हर शुक्रवार यहां नमाजियों की जबरदस्त भीड़ दिखाई देती है.
सिखों का मशहूर बंगला साहिब गुरुद्वारा
इसके बाद आता है दिल्ली का मशहूर गुरुद्वारा बंगला साहिब. इस गुरुद्वारा देश और दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारा में से एक है. सप्ताह के किसी भी दिन आने पर आपको यहां सिख श्रद्धालुओं के साथ साथ देश विदेश के टूरिस्ट भी आसानी से दिख जाएंगे.
और आखिर में Sacred Heart of Cathedral Church
गुरुद्वारा बंगला साहिब के सीधे हाथ पर आपको सेकरेड हर्ट केथेड्रल चर्चा दिखाई देगा. यह चर्च दिल्ली के कुछ नामी गिरामी चर्चों में से एक है. वैसे तो यहां ईसाई धर्म के श्रद्धालुओं का रोजाना आना लगा रहता है, लेकिन रविवार के दिन यहां तादाद ज्यादा देखने को मिलती है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं में ईसाईयों के अलावा हिंदू और अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं. दिल्ली के बीचोंबीच होने की वजह से विदेश से आने वाले श्रद्धालू भी यहां पूजा अर्चना करते हैं.
Mandir, Masjid, Gurudwara और Church सब एक साथ
सांप्रदायिक सौहार्द को कोई कानून, कोई नेता या कोई एक इंसान नहीं बना सकता. इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को सबसे पहले समझना जरूरी होगा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है. सभी धर्मों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए सरकार और सामाजिक संस्थाएं समय समय पर तरह तरह के प्रयास करती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जो प्रमुख चार धर्मों के बीच सामंजस्य का अनूठा उदाहरण पेश करती है.
इसके लिए आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. यह जगह राजधानी दिल्ली में ही मौजूद है. हैरानी की बात यह है कि खुद दिल्ली वाले भी ऐसी किसी जगह से बिल्कुल अंजान हैं. चलिए शुरू करते हैं.
कनॉट प्लेस के आउटर सर्कल से निकलती हुई एक सड़क है, जिसका नाम बाबा खड़ग सिंह मार्ग है. वैसे तो यह मार्ग अभी विभिन्न राज्यों के एम्पोरियम के लिए जाना जाता है, लेकिन गौर करने वाली बात एक यह भी है कि इस मार्ग पर चारों बड़े धर्मों के धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव दिखाने के लिए एक उदाहरण बन सकती है.
प्राचीन हनुमान मंदिर सीपी वाले हनुमान मंदिर
बाबा खड़ग सिंह मार्ग के शुरू में यहां आपको प्राचीन हनुमान मंदिर दिखाई देगा. यह मंदिर 13वीं शताब्दी से भी पुराना है. मंदिर के कनॉट प्लेस में होने की वजह से यहां हमेंशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर को सीपी वाले हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. हनुमान मंदिर होने की वजह से मंगलवार और शनिवार के दिन यहां भक्तों की संख्या ज्यादा होती है. हनुमान मंदिर के साथ ही बाबा विश्वेश्वर नाथ शिव मंदिर है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर भी हनुमान मंदिर जितना ही पुराना है.
आगे मिलेगी मस्जिद जामा
मंदिर से सड़क पर चंद कदम और चलेंगे तो आपको सीधे हाथ पर मस्जिद जामा दिखाई देगी. इसके बारे में कहा जाता है कि यह मस्जिद मुगल काल की है. मस्जिद में आमतौर पर भीड़ कम दिखाई देती है, लेकिन जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए हर शुक्रवार यहां नमाजियों की जबरदस्त भीड़ दिखाई देती है.
सिखों का मशहूर बंगला साहिब गुरुद्वारा
इसके बाद आता है दिल्ली का मशहूर गुरुद्वारा बंगला साहिब. इस गुरुद्वारा देश और दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारा में से एक है. सप्ताह के किसी भी दिन आने पर आपको यहां सिख श्रद्धालुओं के साथ साथ देश विदेश के टूरिस्ट भी आसानी से दिख जाएंगे.
और आखिर में Sacred Heart of Cathedral Church
गुरुद्वारा बंगला साहिब के सीधे हाथ पर आपको सेकरेड हर्ट केथेड्रल चर्चा दिखाई देगा. यह चर्च दिल्ली के कुछ नामी गिरामी चर्चों में से एक है. वैसे तो यहां ईसाई धर्म के श्रद्धालुओं का रोजाना आना लगा रहता है, लेकिन रविवार के दिन यहां तादाद ज्यादा देखने को मिलती है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं में ईसाईयों के अलावा हिंदू और अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं. दिल्ली के बीचोंबीच होने की वजह से विदेश से आने वाले श्रद्धालू भी यहां पूजा अर्चना करते हैं.