पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें सभी को परेशान करती हैं। चाहे वो आम जनता हो या फिर सरकार। जनता के लिए पेट्रोल-डीजल से जरूरत के सामान महंगे हो जाते हैं और सरकार के लिए सत्ता में बने रहना भारी पड़ जाता है। लेकिन जरा सोचिए अगर आपको वही दिन वापस मिल जाएं, जब पेट्रोल की कीमत मात्र 50 रुपये थी। जी हां, यह न तो फर्जी खबर है और न ही मुंगेरी लाल के सपने। मजेदार बात यह है कि इस मेहनत के पीछे भी वही हैं, जिन्होंने हमेशा देश के सुधार में सबसे बड़ा योगदान दिया है। जी हां, हमारे देश के किसान।
लगभग एक दशक से छत्तीसगढ़ के किसान सिर्फ इसी मेहनत में लगे हुए थे कि एक ऐसा फ्यूल यानी तेल बनाकर तैयार किया जाए, जिसका प्रयोग वाहन चलाने में उपयोग किया जा सके। हाल ही में छत्तीसगढ़ के हमारे किसानों की मेहनत रंग लाई और स्पाईजैट के एक प्लेन को बॉयोफ्यूल की मदद से देहरादून से दिल्ली तक उड़ाया गया। यह उड़ान एक सफल परिक्षण रहा। उड़ते वक्त इस प्लेन में 25 यात्री बैठे हुए थे। इस परिक्षण के लिए मेहनत में जुटे किसानों को छत्तीसगढ़ की सरकार का पूरा सपोर्ट था। यह बॉयोफ्यूल छत्तीसगढ़ के जिले रायपुर के घाटबेहरा गांव के किसानों द्वारा बनाकर तैयार किया गया है।
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने भी दिया है भरोसा
10 सितंबर को कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ोतरी पर भारत बंद किया था, दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को 50 रुपये तक लाने की बात कही थी। नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ के किसानों द्वारा किए गए परिक्षण के एवज में कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय कीमतों की कटोती के लिए बॉयोफ्यूल के पांच प्लांट देशभर में लगाएगी, जिससे पेट्रोल और डीजल के आयात में कमी आएगी। अभी 8 लाख करोड़ रुपये का पेट्रोल और डीजल आयात किया जाता है, जिसपर रुपये की कीमत बढ़ने के साथ- साथ कच्चे तेल की कीमतों का भी असर पड़ता है और दाम बढ़ते हैं।
भारत बन सकता है पेट्रोल-डीजल का डीलर
छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा तैयार किए गए बॉयोफ्यूल से खुद मुख्यमंत्री ने अपनी गाड़ी से सफर किया था। ऐसे में इसका सफल परिक्षण किया जा चुका है। अगर यह प्रयास बड़े लेवल पर किया जाए, तो आने वाले समय में न सिर्फ पेट्रोल और डीजल की कीमतें भारत में कम हो जाएंगी, बल्कि खाड़ी देशों से आयात करने वाला भारत खुद पेट्रोल और डीजल का डीलर बन सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इसके निर्माण के लिए किसानों को उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती। इसकी बुआई बंजर जमीन पर भी हो सकती है।
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