हाथी बोले बंदर मामा
मेरा सिल दो एक पाजामा
शादी है मेरी भी कल को
जाना है ससुराल
लगूँ इक दम बाँका छोरा
कुछ तो करो ख़्याल
लगे जो लेने नाप
मामा का छूट गया पसीना
पर हाथी भैया का था
उन्हें पाजामा सीना
पहन पाजामा, चले अकड़ कर
हाथी राजा ससुराल
और गले में रंग बिरंगा
सुंदर मफ़लर डाल
जा पहुँचे ससुराल
जैसे ही बैठे कुर्सी पर
टूट गई कुर्सी और
फटा पाजामा चर चर