चॉकलेट किसे पसंद नहीं होती। हम तो भले ही सोच समझकर या मौके पर चॉकलेट खाते हैं, लेकिन बच्चों को चॉकलेट खाने के लिए कौन रोक सकता है। फ्रिज में रखी चॉकलेट पर नजर पड़ी नहीं कि बच्चे चॉकलेट को चोरी-छुपे खत्म कर देते हैं। ऐसे में ज्यादा चॉकलेट खाने पर बच्चों को मम्मी से डांट भी पड़ती है। लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद बच्चों को चॉकलेट खाने का बहाना मिलेगा, बल्कि आप भी बच्चों को चॉकलेट खाने के लिए नहीं डांटेंगे।
दरअसल, खांसी एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज होम्योपेथी और एलोपेथी की दवाओं के साथ – साथ घरेलू उपचारों से भी संभव है। आयुर्वेद में तो इस बीमारी का इलाज कई तरीकों से बताया गया है। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि खांसी को खत्म करने के लिए चॉकलेट भी उतनी ही उपयोगी है, जितनी की एलोपेथिक और होम्योपेथिक दवाईयां। जी हां, हाल ही में वेज्ञानिकों द्वारा एक रिसर्च में यह पता चला है कि चॉकलेट खाने से खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है। अब आप चॉकलेट का स्वाद भी लेंगे और खांसी को बॉय – बॉय भी कहेंगे।
रिसर्चरो का दावा है कि चॉकलेट, लगातार होने वाली खांसी से निपटाने की अच्छी दवा है। कोको और चॉकलेट में मौजूद केमिकल तत्व स्वाभाविक तौर पर खांसी के इलाज की दवा हैं। अभी इस पर रिसर्च चल रही है। अगर कामयाबी मिलती है तो दो साल के अंदर यह दवा बाजार में आने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में सात करोड़ से अधिक लोगों को लगातार खांसी होने की शिकायत रहती है। कुछ को दो दो हफ्ते तक लगातार यह परेशानी रहती है। कुछ की खांसी में अस्थमा के लक्षण हैं तो कुछ हर्टबर्न से ग्रस्त हैं। खांसी को रोकने के लिए अभी तक इसकी दवा में मिलाए जाने वाला केमिकल कोडेन है। इस दवा के साइड इफेक्ट से भी लोग परेशान हो गए हैं। किसी को नींद नहीं आती तो किसी को बेचैनी रहती है। लंदन के नेशनल हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट को शोथ से पता चला है कि 33 फीसदी खांसी को रोकने में कोडेन प्रभावी है।
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