तेरी वो मुस्कान हो या फिर आँखों की चमक
बालों की परछाईं हो या फिर साँसों की महक
दिल में जब तक धड़कन है उन्हें भुला नहीं सकता
अपने इरादों को मरते दम तक झुठला नहीं सकता
माना कि मेरा रास्ता तंग ज़रूर है
माना कि तुझे पाना मेरे लिए कठिन है
लेकिन मेरे दिल से तेरा कनेक्शन कोई काट नहीं सकता
मेरी आशिक़ी की गहराइयों को कोई नाप नहीं सकता
हाँ मैं मानता हूँ अब कुछ बचा नहीं है मुझमें ऐसा जो तुझे पसंद आए
हाँ मैं मानता हूँ तेरी ज़रूरतों में मेरा अब कोई नामों निशा नहीं
लेकिन तेरे दिल से मुझे तू ख़ुद निकाल नहीं सकता,
मेरी आँखों की नमी को कोई छुपा नहीं सकता.
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