कृषि कानून के विरोधी प्रदर्शनकारी जो यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं, उन्होंने चार महीने के अपने धरने में लाखों रुपये की बिजली चोरी की है. इसके अलावा इन प्रदर्शनकारियों ने 25 लाख रुपये की कीमत वाली केबल तार को भी फूंक दिया है.
धरना चार महीने से चल रहा है, जिसके लिए बिजली की व्यवस्था किसी राज्य सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है, बल्कि ये प्रदर्शनकारी हाइवे पर एनएचएआई की बिजली इस्तेमाल कर रहे हैें, जोकि अवैध रूप से प्रयोग में लाई जा रही है.
इतना ही नहीं, यहां मौजूद संसाधनों का भी जमकर इस्तेमाल या फिर कहें कि दूरुपयोग हो रहा है. प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली का भुगतान एनएचएआई को करना पड़ रहा है, जोकि एक तरह का अतिरिक्त बोझ ही मान लीजिए. और तो और प्रदर्शनकारियों द्वारा बिजली की खपत की ओवरलोडिंग होने से 25 लाख रुपये कीमत की केबल तार भी फूंकी जा चुकी है.
गर्मियां शुरू होने के साथ ही कृषि कानून विरोधियों ने एनएचएआइ की ओर से लगाई गई स्ट्रीट लाइट के खंभों में अपना तार जोड़ दिया है, जिससे कूलर पंखा सब चल रहे हैं. इससे पहले सर्दी के मौसम के दौरान हीटर, कपड़े धाेने की मशीन, कपड़ों की प्रेस, मोबाइल फोन चार्ज के अलावा हर तरह के काम एनएचएआई की बिजली से किए जा रहे थे और अब बड़े बड़े कूलर, पंखों के अलावा रोशनी के लिए बल्ब, फोन चार्जिंग आदि सभी तरह की सुविधाओं के लिए बिजली चोरी की जा रही है. इस बिजली की चोरी पर किसी भी विभाग की ओर से एक्शन नहीं लिया जा रहा है.